नंद नंदन स्तोत्र हिंदी अर्थ के साथ । Nand Nandan stotra Hindi Arth ke Sath.


 
Nand Nandan stotra.


नन्द नन्दन स्तोत्र

जब भगवान श्री कृष्ण बालक रूप में अपने मित्रों के साथ जंगल में नंगे खेल रहे थे, धरती पर लौट रहे थे, तब वहां पर दुर्वासा ऋषि भगवान श्री कृष्ण के दर्शन करने के लिए आये और वहां पर भगवान को धरती पर लौटता हुआ और बच्चों के साथ खेलते देखकर उनके मन में यह संदेह हुआ कि यह बालक भगवान नहीं है यह तो मात्र नंद का पुत्र है,
 
तब भगवान को दुर्वासा ऋषि पर दया आ गई,
 तब भगवान श्री कृष्ण ने दुर्वासा ऋषि को अपना दिव्य रूप दिखाया तब दुर्वासा ऋषि प्रसन्न हो गए और उन्होंने अपने शब्दों में भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति की, उसी स्तुति को नन्द नन्दन स्तोत्र कहते हैं।


बालं नवीनशतपत्रविशालनेत्रं 
बिम्बाधरं सजलमेघरुचिं मनोज्ञम् ।


हिंदी अर्थ:-  जिनके नेत्र (आंखें) नूतन विकसित शतदल कमल ( हाल ही में खिला सात पंखुड़ियों का कमल ) के समान विशाल है, अधर (होंठ-Lips) बिम्बाफल की अरुणिमा को तिरस्कृत करनेवाले हैं तथा श्रीसम्पन्न अङ्ग सजल जलधर की श्याम-मनोहर कार्ति को छीने लेते हैं।


मञ्जीरनूपुररणन्नवरत्नकाञ्ची श्रीहारकेसरिनखप्रतियन्त्रसंघम् ।1।


हिंदी अर्थ:-  जिनके मुख पर मन्द मुसकान की दिव्य छटा छा रही है तथा जो सुन्दर मधुर मन्दगति से चल रहे हैं, उन बाल्यावस्था से विलसित मनोज्ञ श्रीनन्दनन्दन को मैं मन से प्रणाम करता हूँ ।


मञ्जीरनूपुररणन्नवरत्नकाञ्ची श्रीहारकेसरिनखप्रतियन्त्रसंघम् । 


हिंदी अर्थ:-  जिनके चरणों में मञ्जीर(घुंघरू) और नूपुर(पायल) झंकृत हो रहे हैं और कटि (कमर) में खनखनाती हुई नूतन (नये -New) रत्ननिर्मित काञ्ची (करधनी) शोभा हो रही है; जो बघनखा से युक्त यन्त्र समुदाय तथा सुन्दर कण्ठहार से सुशोभित हैं।


दृष्ट्यार्तिहारिमषिबिन्दुविराजमानं 
     वन्दे कलिन्दतनुजातटबालकेलिम् ।।2।।


हिंदी अर्थ:-  जिनके भालदेश (माथे पर) में दृष्टिजनित पीड़ा हर लेनेवाली कज्जल की बिंदी शोभा दे रही है,
तथा जो कलिन्दनन्दिनी के तटपर बालोचित क्रीड़ा (खेल) में संलग्न (मस्त) हैं, उन श्रीहरि की में वन्दना करता हूँ।


पुर्णेन्दुसुन्दरमुखोपरि कुञ्चिताग्राः 
केशा नवीनघननीलनिभाः स्फुरन्तः ।


हिंदी अर्थ:-  जिनके पूर्णचन्द्रोपम सुन्दर मुखपर नूतन नीलघन की श्याम विभाको तिरस्कृत करने वाले घुँघराले काले केश चमक रहे हैं।


राजन्त आनतशिरः कुमुदस्य यस्य 
     नन्दात्मजाय सबलाय नमो नमस्ते ।।3।।


हिंदी अर्थ:-  तथा जिनका मस्तकरूपी मुकुद कुछ झुका हुआ है। उन आप नन्दनन्दन श्रीकृष्ण तथा आपके अग्रज (बड़े भाई) श्रीबलराम को मेरा बारंबार नमस्कार है।


श्रीनन्दनन्दनस्तोत्रं प्रातरुत्थाय यः पठेत् । 
तन्नेत्रगोचरं याति सानन्दं नन्दनन्दनः ।।4।।


हिंदी अर्थ:-  जो प्रातः काल (सुबह) उठकर इस 'श्रीनन्दनन्दनस्तोत्र' का पाठ करता है, उसके नेत्रोंके (आंखें) समक्ष (सामने) श्रीनन्दनन्दन सानन्द प्रकट होते हैं ।




Shri nand Nandan stotra

In English 


Balam Navin shatpatra VishalNetram
BimbaDharm SajalMegharuchim Manogyam.


Mandasmitam Madhusundar Mandyanam
ShriNandnandan maham Mansa Namami.(1)


Manjirnupur Ranann Varatn Kanchi
Shrihar Kesari nakhpratiyantra sangham.


Drashtyar tiharimasibindu Virajmanam
Vande kalind Tanuja Tatbalkelim.(2)


Purnendu Sundar mukho Parikunchitagra 
 kesa Navin Ghan Neelnibh Sphuranti.


Rajant Aanatshira kumudasya Yasya
Nandatmjay Sablay Namo Namaste.(3)


Shri nand Nandan stotram pratrutthay ya
Pathet Tannetr Gocharam Yati Sanandam
NandNandan.(4)














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